*ना जाने ये कौन सा तरीका है उसका प्यार करने का,*
*कि उसका दिल ही नहीं करता मुझसे बात करने का..*
आसान नही होता यूँ मुड़कर लौट आना,
“काश” ..समझ पाते तुम ये बात ……मेरे जाने से पहले !
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी..
पहले पागल किया, फिर पागल कहा, फिर पागल समज कर छोड़ दिया..
बहुत ही खुश किसमत है वो लोग जिसे प्यार के बदले प्यार मिल गया,
बदनसीब तो मै हु मैने प्यार तो किया,
लेकिन मुजे न प्यार मिला, ना यार मिला!
जिसने कल जिंदगी भर साथ जीने की कसम खाई थी,
आज उसकी ही जुदाई मे मर मर के जी रहा हू!
मैंने दरवाज़े पे ताला भी लगा कर देखा लिया,
पर ग़म फिर भी समझ जाते है की मैं घर में हूँ!!
इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को,
ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है !
खिलौना हूँ मैं उसके हाथों का रूठती वो है टूटता मैं हूँ…
❤️वोह नहीं मिलते तो क्या हुआ..इस दिल को रोज़ दर्द तो हमेशा मिलने आता है !❤️
तुझे मुफ्त में जो मिल गए हम,
तु कदर ना करे ये तेरा हक़ बनता है।
भूलना तो ज़माने की रीत है,
मग़र तुमने शुरुआत हमसे क्यों की!
काश तेरी यादों से भी “तलाक तलाक तलाक”
बोलकर छुटकारा पा सकता 🙁
बहुत सी बातें सोच रखी थी तुम्हें बताने को….
पर मुद्दतों बाद जब बात हुई…. तुमने तो हाल भी न पूछा..
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